उत्तर प्रदेश में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के खिलाफ और समर्थन में बीजेपी के दलित सांसद आमने-सामने आ गए हैं. योगी के विरोध में एक के बाद एक चार बीजेपी के दलित सांसदों ने जहां आवाज उठाकर मुसीबत खड़ी कर दी, तो वहीं पार्टी के पांच दलित सांसद योगी के लिए ढाल बनकर सामने आए हैं. इन पांचों सांसदों ने योगी का बचाव करते हुए खुलेआम समर्थन किया है.
विरोध में बीजेपी सांसद
बता दें कि पिछले दिनों बीजेपी की सांसद सावित्राबाई फुले, छोटे लाल खरवार, अशोक दोहरे और यशवंत सिंह ने दलितों पर अत्याचार के बहाने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर सवाल खड़े करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा था.
योगी के समर्थन में दलित सांसद
इकोनॉमिक्स टाइम्स के मुताबिक अब उत्तर प्रदेश के पांच दलित सांसद कौशल किशोर, अंशुल वर्मा, विनोद सोनकर, भानू प्रताप सिंह और भोला सिंह सीएम योगी के बचाव में उतरे हैं. इन पांचों नेताओं ने कहा कि सीएम ने कभी भी उनके साथ दुर्व्यवहार नहीं किया. अपनी ही सरकार के खिलाफ आवाज उठाने वाले बीजेपी सांसदों को कहा कि ये लोग केवल अपने हित देख रहे हैं. इसीलिए इन्हें ऐसा लगता है.
कौशल किशोर
मोहनलालगंज लोकसभा से सांसद कौशल किशोर ने कहा कि सीएम योगी आदित्यनाथ से वो कई बार मुलाकात कर चुके हैं. हमेंशा उनकी बातों को ध्यान से सीएम ने सुना है. उन्होंने कहा कि ऐसे सांसदों के पास जवाब है कि उनके संसदीय क्षेत्र में दलितों को प्रधानमंत्री ग्रामीण आवास योजना, उज्जवला योजना और सौभाग्य योजना का लाभ नहीं मिला है.
विनोद सोनकर
बीजेपी के अनुसूचित जाति मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष और यूपी के कौशंबी के सांसद विनोद सोनकर ने कहा कि वह इस बात पर सहमत है कि उन्हें चिंता है, लेकिन सवाल उठाए जाने का एक तरीका होता है. उन्होंने कहा,' मैं समझ नहीं पा रहा हूं कि कुछ सांसद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को दलित विरोधी होने का आरोप लगा रहे हैं. जबकि कुछ दिन पहले ही सीएम मेरे द्वारा आयोजित एक समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में कौशंबी आए थे. उन्होंने मेरे संसदीय क्षेत्र में 300 करोड़ रुपये की योजनाओं का अनावरण किया.
भोला सिंह
बुलंदशहर के बीजेपी सांसद भोला ने कहा कि सभी दलित सांसदों को सबसे पहले सुप्रीम कोर्ट के निर्णय और सरकार की समीक्षा याचिका को बारीकी से पढ़ना चाहिए. दलित और आदिवासियों के अधिकारों को कम करने का बीजेपी का कोई इरादा नहीं है.
जालौन से भानु प्रताप सिंह
जालौन से बीजेपी सांसद भानु प्रताप सिंह ने कहा, मैं इस बात से सहमत नहीं हूं कि सीएम योगी जातिवादी हैं. उन्होंने हमेशा मुझे अत्यंत सम्मान दिया है.
बता दें कि सूबे के 17 असुरक्षित सीटों पर बीजेपी ने जीत दर्ज की थी. उत्तर प्रदेश में करीब 21 फीसदी दलित मतदाता हैं, जो राजनीतिक रूप से काफी महत्वपूर्ण हैं.