यूटिलिटी डेस्क. ज्योतिष में शनिदेव को न्याय करने वाला देवता माना गया है। मनुष्य अपने जीवन में जो भी अच्छे या बुरे काम करता है, उसका फल उसे शनिदेव ही देते हैं। जब किसी व्यक्ति पर शनि की साढ़ेसाती व ढय्या का प्रभाव होता है तो उस समय वह शनि से सबसे ज्यादा प्रभावित होता है।
शनि बदलेगा चाल
उज्जैन के ज्योतिषाचार्य पं. प्रफुल्ल भट्ट के अनुसार, वर्तमान में शनि धनु राशि में है। 18 अप्रैल से शनि धनु राशि में ही वक्रीय हो जाएगा। शनि की यह स्थिति 6 सितंबर तक रहेगी। इस दौरान यदि शनि को प्रसन्न करन के उपाय किए जाए तो शनि के बुरे प्रभाव से कुछ राहत मिल सकती है।
इन राशियों पर है शनि का प्रभाव
शनि के वक्रीय होने के कारण जिन राशियों पर शनि की साढ़ेसाती और ढय्या का प्रभाव है, उन्हें और अधिक परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। इस समय धनु, वृषभ और कन्या पर शनि की ढय्या व वृश्चिक, धनु और मकर राशि पर शनि की साढ़ेसाती का प्रभाव है। शनि के अशुभ प्रभाव से बचने के लिए हर शनिवार को आगे बताया गया उपाय करें-
1. शनि देव की पत्नियों के नामों का जाप इस प्रकार करें-
ध्वजिनी धामिनी चैव कंकाली कलहप्रिया।
कंटकी कलही चाऽथ तुरंगी महिषी अजा।।
शनेर्नामानि पत्नीनामेतानि संजपन् पुमान्।
दुःखानि नाशयेन्नित्यं सौभाग्यमेधते सुखम।।
1. ध्वजिनी
2. धामिनी
3. कंकाली
4. कलहप्रिया
5. कंटकी
6. तुरंगी
7. महिषी
8. अजा
इस तरह शनिदेव की पत्नियों का नाम लेने से दुखों का नाश होता है और सौभाग्य बढ़ता है।