नई दिल्ली:
क्या आपने 30 अप्रैल 2017 तक बैंकों में स्वयं-प्रमाणपत्र (self-certification) जमा करवा दिया है? यदि हां तो अच्छी बात है और यदि नहीं तो आपको बता दें कि जिन खाताधारकों के बैंक खाते 1 जुलाई 2014 से लेकर 31 अगस्त 2015 के बीच खुले हैं, और FATCA (Foreign Account Tax Compliance Act) के नियमों से सामंजस्य नहीं रखते हैं तो आपका खाता बंद हो सकता है. इस निश्चित समय सीमा से इतर पर यह नियम अभी तक की खबर के मुताबिक लागू नहीं है.
जानें इस बाबत कुछ और खास बातें :
- इनकम टैक्स विभाग की ओर से एफएटीसीए के तहत सेल्फ सर्टिफिकेशन की तारीख 30 अप्रैल रखी गई थी जोकि बीत चुकी है.
- 30 अप्रैल तक अपना केवाईसी डीटेल्स और आधार नंबर बैंक या संबंधित वित्तीय संस्थानों को नहीं दिए तो खाते बंद करने का निर्देश जारी किया जा चुका था.
- सीबीडीटी ने कुछ समय पहले एक बयान के जरिए कहा था कि यदि आपने इस शर्त को पूरा नहीं किया है तो आप अपने खाते से किसी प्रकार का ट्रांजैक्शन नहीं कर पाएंगे.
- FATCA यानी फॉरेन अकाउंट्स टैक्स कंप्लायंस एक्ट के तहत भारत और यूएस के बीच वित्तीय सूचनाओं का स्वत आदान-प्रदान सुनिश्चित होता है.
- इसके तहत खाताधारक जिस देश की नागरिकता है, जिस देश में जन्म लिया है और टैक्स रेजिडेंस किस देश में है जैसी सूचनाएं मुहैया करवाते हैं.
- पिछले महीने की एक स्टेटमेंट के मुताबिक वित्तीय संस्थानों से कहा गया है कि वे निश्चित अवधि (जुलाई 2014 से अगस्त 2015) में खुले खातों के लिए स्व-प्रमाणित (सेल्फ सर्टिफाइड) दस्तावेज जमा करवाएं.
- हालांकि खाता यदि स्व-प्रमाणित (सेल्फ सर्टिफाइड) न होने के चलते बंद कर दिया गया है तो एक बार यह जानकारी मुहैया करवा देंगे तो खाता फिर से सभी प्रकार के संबंधित और लागू होने वाले ट्रांजैक्शन्स के लिए चालू कर दिया जाएगा.
- बता दें कि यह केवल बैंक खाताधारकों के लिए ही नहीं है बल्कि म्यूचुअल फंड्स और अन्य वित्तीय संस्थानों को भी इस प्रकार का निर्देश कस्टमर के संबंध में दिया गया है.
- एफएटीसीए का मकसद किसी व्यक्ति विशेष का विदेश में बनाई गई संपत्ति पर नजर रखना है कि वह इस पर टैक्स चुका रहा है या नहीं.
- FATCA के तहत सभी बैंकों और फाइनैंशल इंस्टीट्यूशन्स को यह साफ कह दिया है कि वे प्रावधान के तहत न आने वालों की सूचना प्रेषित करें. (एजेंसियों से भी इनपुट)