24 मार्च को चारा घोटाला के दुमका कोषागार से अवैध निकासी के दो केस में आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव को सात-सात कुल 14 साल की सजा सुनाई गई है जबकि बिहार के पूर्व मु्ख्यमंत्री जगन्नाथ मिश्र को बरी कर दिया गया है।
चारा घोटाले से जुड़े एक अन्य मामले में रांची की विशेष सीबीआई कोर्ट ने आज (09 अप्रैल को) 37 आरोपियों को दोषी करार दिया है जबकि पांच को बरी कर दिया है। इस केस में राजद अध्यक्ष लालू यादव आरोपी नहीं थे। मामले में कुल 42 आरोपी थे। यह मामला भी दुमका ट्रेजरी से अवैध निकासी की है। कांड संख्या 45A/96 में जज शिवपाल सिंह ने जिन लोगों को दोषी ठहराया है उनमें पशुपालन विभाग के डॉक्टर, अधिकारी और सप्लायर शामिल हैं। इस मामले में सीबीआई ने कुल 72 लोगों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल किया था लेकिन 42 अभियुक्त ही ट्राय का सामना कर रहे थे।
मामले की सुनवाई के दौरान ही 14 आरोपियों का निधन हो चुका था। कोर्ट में सीबीआई ने इस मामले में कुल 197 लोगों की गवाही दर्ज कराई थी। यह मामला 1991 से 1995 के बीच चारा खरीद के नाम पर हुई करोड़ों की अवैध निकासी से जुड़ा हुआ है। दोषी करार दिए जाने वालों में 16 पशुपालन विभाग के पदाधिकारी हैं, जबकि 14 विभागीय डॉक्टर हैं। चारा घोटाले से ही जुड़े अन्य मामलों में राजद अध्यक्ष लालू यादव सजा काट रहे हैं और इन दिनों दिल्ली के एम्स में इलाज करा रहे हैं। लालू को अब तक कुल चार मामलों में सजा सुनाई जा चुकी है। इनमें से एक में सजा सितंबर 2013 में हुई है, जबकि दूसरे मामले में पिछले साल दिसंबर में सजा सुनाई गई है। दो अन्य मामलों में कोर्ट ने इस साल लालू यादव को सजा सुनाई है। लालू कुस छह मामलों में आरोपी थे। दो में फैसला आना बाकी है।
कुछ दिनों पहले ही 24 मार्च को चारा घोटाला के दुमका कोषागार से अवैध निकासी के दो केस में आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव को सात-सात कुल 14 साल की सजा सुनाई गई है जबकि बिहार के पूर्व मु्ख्यमंत्री जगन्नाथ मिश्र को बरी कर दिया गया है। 31 आरोपियों में से 19 दोषी और 12 निर्दोष साबित हुए हैं। सीबीआई कोर्ट ने इस मामले में लालू पर तीस-तील कुल साठ लाख का जुर्माना भी लगाया है।